Saturday, 20 February 2016

Antarctica की बर्फ के दबे हे कई meteorites |

Meteorite एक प्रकार के उल्का पिंड होते हे जो पृथ्वी पर ग्रुत्वाकर्शण के कारण खिचे चले आते हे | पृथ्वी के वातावरण मे पाहोच्ते ही ये हवा मे अपनी तीव्र गति के कारण घर्शण उत्पन्न करते हे जिससे इनमे आग लग जाती हे | जब ये पृथ्वी से टकराते हे तो ये इसमे छेद कर देते हे जीने क्रेटर के नाम से जाना जाता हे |

ये उल्का पिंड(meteorite ) इतनी ज्यादा गर्म हो जाते हे की अगर ये कही रेगिस्तान मे गिरे तो वहा की रेत को पिगला कर काच मे परिवर्तित कर देते हे | रेत को काच मे परिवर्तित करने के लिये हमे न्यूनतम 2000°c का तापमान चाहिये होता हे |

अगर ये उल्का पिंड बर्फ पर गिरे तो?

ये उल्का पिंड इतने गर्म होते हे की ये बर्फ को पिगला कर अंदर चले जाते हे | अगर ये उल्का पिंड बर्फ के अंदर चले जाये तो ये पृथ्वी की जलवायु और bacteria से बच जाते हे | जिससे Scientist जान सकते हे की सूर्यमंडल अपनी पूर्व अवस्था मे केशा था |

ये उल्का पिंड Scientists को आज के सबसे बडे सवाल की क्या जीवन उल्कापिंडो के जरिये एक ग्रह से दूसरे ग्रह जा सकता हे ?(Can life travel through meteorite to another planetes)

Scientists ने दावा किया हे की अगर ये उल्का पिंड बर्फ की सताह पर भी रेह जाये और इनमे iron की मात्रा ज्यादा हो तो ये उल्का पिंड सूरज की किरणो के कारण गर्म हो जाते हे और बर्फ के अंदर चले जाते हे | इन उल्का पिंडो की खोज हमे अपने सूर्यमंडल के राह्स्यो के विषय मे और भी जान पायेगे |

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